
कई ईसाई उलझन में हैं: परमेश्वर प्रेम हैं और वह सर्वशक्तिमान हैं, तो वह हमें कष्ट सहने क्यों देते हैं? इसका उत्तर जानने के लिए इस निबंध को पढ़ें!

यह लेख, बाइबल में लिखी प्रभु यीशु की वापसी से संबंधित भविष्यवाणियों और उनकी पूर्ति का एक निष्पक्ष विवरण देता है। इस लेख का उद्देश्य, बाइबल की भविष्यवाणी की पूर्ति के आधार पर पाठकों को इस तथ्य की पुष्टि करने में समर्थ बनाना है कि प्रभु वापस आ गये हैं, फिर उन्हें प्रभु की वापसी की तलाश और जांच करने, उनकी वापसी का स्वागत करने में एक बुद्धिमान कुंवारी की तरह होने, और अनन्त जीवन प्राप्त करने देना है।

व्यवस्था के युग में, यहोवा ने आम लोगों को सब्त रखने का निर्देश दिया था। सब्त के दिन, आम आदमी को सारे काम रोक देने होते थे; अगर वे उस दिन काम करना नहीं रोकते, तो वह एक पाप होता, और उनको इसका हिसाब देना पड़ता था। जब प्रभु यीशु अपना कार्य करने के लिए आये, तो उन्होंने सब्त के दिन का पालन नहीं किया, इसके बजाय वे अपने शिष्यों को विभिन्न स्थानों में सुसमाचार का प्रचार करने और कार्य करने के लिए ले गये। यह क्या था? एक ईसाई, ली किंग इस बात को लेकर काफ़ी उलझन में पड़ गईं और इसलिए अपने सहकर्मी के साथ खोज और सहभागिता करते हुए, अंत में उन्हें यह कारण समझ में आ गया कि प्रभु यीशु ने सब्त के दिन का पालन क्यों नहीं किया था। साथ ही, उन्हें परमेश्वर के कार्य के बारे में एक नई समझ प्राप्त हुई। ऐसे में, प्रभु यीशु द्वारा सब्त के दिन का पालन न किया जाना हमें क्या चेतावनी देता है?

विवरण: कई लोगों के लिए धन वो मापदंड होता है जिससे खुशी को मापा जाता है, बहुत सारे लोग दौलत के गुलाम बन जाते हैं और इसे पाने के लिए वे सब कुछ खपा देने के लिए तैयार हो जाते हैं। मगर जो लोग परमेश्वर की संप्रभुता को जानते हैं, वे धन के प्रति एक अलग दृष्टिकोण रखते हैं, और उन्हें खुशी की एक अलग समझ होती है। इस लेख का लेखक एक ऐसा ही व्यक्ति है। तो वह कैसे परमेश्वर की संप्रभुता का पता लगाता है, कैसे दौलत की जंजीरों को तोड़कर खुशी हासिल करता है? यह लेख, "परमेश्वर की संप्रभुता को जानो और फिर कभी दौलत के गुलाम न बनो," तुम्हें यह बताएगा।
समाज में
अधिकतथाकथित अच्छे व्यक्ति का असली चेहरा