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सर्वशक्तिमान परमेश्वर का प्रकटन और कार्य : सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की शुरुआत और उसके विकास का इतिहास (पहला खंड)
दो हज़ार साल पहले, प्रभु यीशु ने कहा, "मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है" (मत्ती 4:17)। और वादा किया, "मैं शीघ्र आनेवाला हूँ!" (प्रकाशितवाक्य 22:7)। दो हज़ार सालों की आशा, और दो हज़ार सालों के इंतज़ार में..., ईसाइयों की पीढ़ियां सदियों से उत्सुकतापूर्वक प्रभु यीशु के लौटकर आने की राह देख रही थीं। पूरी मानवजाति उद्धारकर्ता के आगमन और मानवता के पूर्ण उद्धार के लिए तरस रही थी। जब संसार बिलकुल अंधकार में था, जब शैतान की दुष्ट शक्तियां अपने चरम पर थीं और परमेश्वर का ज़बरदस्त विरोध कर रही थीं, तब पूरब में—चीन में भोर का उजाला फैला। 1991 में, उस असाधारण साल में, देहधारी मनुष्य का पुत्र, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, सत्य को व्यक्त करने और कार्य करने के लिए गृह कलीसियाओं में प्रकट हुआ। वहाँ उसने परमेश्वर के घर से शुरू होने वाला न्याय का कार्य करना शुरू किया। इस डॉक्यूमेंट्री में मुख्य रूप से इस बात के सच्चे इतिहास को दर्शाया गया है कि कैसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर गृह कलीसियाओं के बीच प्रकट हुए और कैसे अपना कार्य करना और अपने वचन बोलना शुरू किया। जैसे-जैसे चुने हुए लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर के इन वर्तमान वचनों को साझा करने लगे, उनमें धीरे-धीरे सत्य की समझ आने लगी, उन्हें अभ्यास करने का एक मार्ग मिल गया, और वे पवित्र आत्मा द्वारा मानवजाति के लिए लायी गयी खुशहाली और स्वतंत्रता का आनंद उठाने लगे।
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