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पादरी और एल्डर्स अक्सर लोगों को सिखाते हैं कि अगर वे बाइबल से भटकते हैं तो उन्हें विश्वासी नहीं कहा जा सकता, और सिर्फ़ बाइबल से जुड़े रहकर ही वे जीवन पा सकते हैं और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकते हैं। क्या यह दृष्टिकोण परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप है? क्या वह बाइबल है जो हमें जीवन दे सकती है, या वे परमेश्वर हैं जो हमें जीवन दे सकते हैं? प्रभु यीशु ने कहा था, "तुम पवित्रशास्त्र में ढूँढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है; और यह वही है जो मेरी गवाही देता है; फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते" (यूहन्ना 5:39-40)। सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "अंत के दिनों का मसीह जीवन लेकर आता है, और सत्य का स्थायी एवं अनंत मार्ग प्रदान करता है। ये सत्य वो मार्ग है जिसके द्वारा मनुष्य जीवन को प्राप्त करेगा, और एकमात्र इसी मार्ग से मनुष्य परमेश्वर को जानेगा और परमेश्वर का अनुमोदन प्राप्त करेगा" (वचन देह में प्रकट होता है)। जीवन का स्रोत मसीह में है न कि बाइबल में। सिर्फ मसीह ही जीवन के स्रोत हैं, और वे ही बाइबल के प्रभु हैं। यह वीडियो बाइबल की एक नयी समझ हासिल करने में आपकी मदद करेगा!
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