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दो हज़ार सालों से, ईसाइयों ने हमेशा यही मानकर प्रभु यीशु का नाम पुकारा है और उनसे प्रार्थना की है कि परमेश्वर का नाम सदैव यीशु ही रहेगा। हालांकि, प्रकाशित वाक्य की पुस्तक, अध्याय 3, पद 12 में यह भविष्यवाणी की गई है कि वापस लौटने पर प्रभु का एक नया नाम होगा। तो अब जबकि प्रभु अंत के दिनों में लौट आये हैं, तो क्या अब भी हम उनको यीशु ही कहेंगे? परमेश्वर के नाम में कौन से रहस्य छिपे हैं? मिश्रित वार्ता, परमेश्वर के नाम का रहस्य – गायन और पाठ की अभिनय शैलियों के मिश्रण से इस बात के महत्व को समझने में हमारा मार्गदर्शन करती है कि परमेश्वर अलग-अलग युग में अलग-अलग नाम क्यों चुनते हैं।
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।
विशेष वक्तव्य: यह वीडियो प्रस्तुति सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया द्वारा लाभ-के-लिए-नहीं (नॉट-फॉर प्रॉफिट) रचना के रूप में तैयार की गई थी। इस प्रस्तुति में दिखाई देने वाले अभिनेता लाभ-के-लिए-नहीं आधार पर अभिनय कर रहे हैं, और उन्हें किसी भी तरह से भुगतान नहीं किया गया है। यह वीडियो किसी भी तीसरे पक्ष को लाभ के लिए वितरित नहीं किया जा सकता है, और हमें आशा है कि हर कोई इसे खुले तौर पर साझा और वितरित करेगा। जब आप इसे वितरित करते हैं, तो कृपया स्रोत पर ध्यान दें। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कलीसिया की सहमति के बिना, कोई भी संगठन, सामाजिक समूह या व्यक्ति इस वीडियो की सामग्री के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता है या इसे गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं कर सकता है।
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